दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई जी के जन्म दिन Sunder Pichai के Birthday पर हम उन्हें बधाई देते है, और उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
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Sundar Pichai Birthday |
पिचाई 10 जून 1972 को तमिलनाडु के मदुरै में जन्मे थे। शुरुआती पढ़ाई चेन्नई से की। बीटेक आईआईटी-खड़गपुर से किया। फिर आगे पढ़ने अमेरिका चले गए। लेकिन जब वे अमेरिका जा रहे थे तो पिता की सालभर की तनख्वाह से फ्लाइट का टिकट आया था।
स्कूली पढ़ाई के दौरान सुंदर कभी भी चौथी रैंक से ऊपर से नहीं आ पाए। ज्योग्राफी और हिस्ट्री में नंबर कम आते पर साइंस में जरूर हर बार टॉप करते। पिचाई की कहानी उस भारत की कहानी है जो छोटे घरों में रहता है। कम पैसों में पलता है। लेकिन अपनी काबिलियत के दम पर बड़े ख्वाब को सच कर देता है। पिचाई अभी अमेरिका के तीसरे सबसे ज्यादा पैसा पाने वाले सीईओ हैं।
पिचाई के जीवन के 6 इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...
सुंदर पिचाई के जीवन से जुड़े 6 इंरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे बहुत ही महत्वपूर्ण बातें है यहाँ पर आप पूरा जरूर पड़े।
पत्नी अंजलि ने गूगल छोड़ने से मना किया
पत्नी अंजलि को पिचाई 'भाग्यशाली (lucky charm)' मानते हैं। पहली बार अमेरिका गए तो उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। 6 महीने तक अंजलि से बात नहीं हुई। अंजलि अमेरिका गईं तो पिचाई को सेमीकंडक्टर फर्म में नौकरी मिल गई। तब शादी का फैसला किया।
शादी के बाद पिचाई को माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और याहू से ऑफर मिले। ऑफर के बाद वह गूगल छोड़ना चाहते थे, पर अंजलि ने गूगल में ही रहने की सलाह दी। आखिरकार पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर में अपनी क्लासमेट अंजलि का कहना माना।
10 जून 1972 को तमिलनाडुके मदुरै में जन्मे पिचाई आईआईटी खड़गपुर से बीटेक, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं
मेमोरी बचपन से जबरदस्त
पिचाई के चाचा एस. रमन ने बताया कि सुंदर की मेमोरी बचपन से ही जबरदस्त थी।रमन ने एक कहानी बताई, ‘पिचाई तब 12 साल के थे। घर पर मेरा एक दोस्त आया। उसने अपना फोन नंबर बताया। मैंने पत्नी से कहा कि लिख लो। वहां पिचाई भी था।
चार-पांच महीने बाद मैंने पत्नी से दोस्त का फोन नंबर मांगा, तो बोली कि लिखना भूल गई थी। तभी पिचाई आए और नंबर बता दिया। वह जो एक बार सुन लेता था उसे याद हो जाता था।
यह खासियत आज भी कायम है। गूगल में वाइस प्रेसिडेंट इंजीनियरिंग एलन यूस्टास ने एक वाकया बताया। एक मीटिंग में पिचाई ने वॉयस एक्टीवेटेड सर्च के इस्तेमाल से जुड़े आंकड़े पेश किए, जो एलन का काम था। पिचाई ने जो नंबर बताए वो खुद एलन को भी नहीं पता थे।
पिता को बड़ा घर गिफ्ट दिया
पिचाई जब चेन्नई में थे तो परिवार के पास नीले रंग का एक लैंब्रेटा स्कूटर होता था। परिवार के चारों लोग उसी से जाते। पिता रघुनाथ ड्राइव करते,पिचाई आगे खड़े होते, छोटा भाई मां के साथ पीछे वाली सीट पर बैठता। अमेरिका जाने के बाद पिचाई ने माता-पिता के लिए चेन्नई में शानदार फ्लैट खरीदा। लेकिन उन्होंने उसमें रहने से मना कर दिया।
पिचाई के माता-पिता अब भी दो रूम के पुराने मकान में ही रहते हैं। अमेरिका के ब्रूकलिन में सुंदर ने 2015 में करीब 44 करोड़ रुपए में अपना घर खरीदा है।
अमेरिका के तीसरे महंगे CEO
पिचाई अमेरिका के तीसरे सबसे महंगे सीईओ हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक 2016 में उनका पैकेज 1285 करोड़ रु. का था।
2015 में उन्हें सैलरी और बाकी पर्क्स के रूप में 686 करोड़ रु. मिले थे। पिचाई को अपने करियर की सबसे ज्यादा सैलरी 2014 में मिली। उन्हें 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 1600 करोड़ रुपए वैल्यू के 4,42,424 शेयर्स मिले।
पिचाई ने 2004 में गूगल ज्वाइन किया। 11 साल बाद 2015 में गूगल के सीईओ बन गए। इससे पहले ट्विटर उन्हें वाइस प्रेसिडेंट का ऑफर दे चुका था। जबकि माइक्रोसॉफ्ट उन्हें सीईओ बनाने को राजी था।
क्रोम वेब ब्राउजर लॉन्च किया। इसके बाद वेब बेस्ड क्रोम ओएस भी लॉन्च किया। 2012 में गूगल एप्स को संभाला और साल भर में एंड्रायड का जिम्मा भी संभाल लिया। जीमेल, गूगल मैप एप्स बनाए। गूगल के सभी उत्पादों के लिए एंड्रायड एप भी तैयार किए।
पिचाई ने गूगल को अपना ब्राउजर लॉन्च करने का आइडिया दिया। गूगल सीईओ एरिक श्मिट ने इसे खारिज कर दिया। सुंदर गूगल संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन के पास पहुंचे और उन्हें राजी कर लिया। 2008 में गूगल ने क्रोम ब्राउजर लॉन्च किया। 50% से ज्यादा मार्केट शेयर के साथ यह दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
SUNDAR PICHAI QUOTES
दूसरों की कामयाबी ज्यादा जरूरी
''वही व्यक्ति सही है, जो इसलिए खुश नहीं क्योंकि जिंदगी में सब सही है। बल्कि इसलिए खुश है, क्योंकि हर चीज को लेकर उसका रवैया सही है। बतौर लीडर अपनी कामयाबी पर ध्यान देना अहम नहीं है। दूसरों की कामयाबी ज्यादा जरूरी है।''
पढ़ाई से फर्क नहीं पड़ता
''अपनी असफलताओं को सम्मान के साथ पहनकर चलें। वह कामयाबी से बड़ी पूंजी है। यदि आप अपने दिल की मानते हैं और वही करते हैं जो आपको पसंद है, तो आप हमेशा बेहतर करेंगे। फर्क नहीं पड़ता कि आपने क्या और कितनी पढ़ाई की है। ''
ऐसे मिलेगी तरक्की में मदद
''इनसिक्योर महसूस करना अच्छी बात है। इसका मतलब है आप पर उन लोगों के बीच और ज्यादा बेहतर करने का दबाव है जो आपसे भी बेहतर हैं। खुद को असुरक्षित महसूस करने दीजिए, ये आपको व्यक्तिगत तौर पर तरक्की में मदद करेगा।''
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