Kai Greene story : काई ग्रीन के कुछ जीवन के अनुभव जरूर पड़े।
ऐ एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने संसार का ग्रेटेस्ट बॉडीबिल्डर बनने का सपना देखा। बॉडीबिल्डिंग के लिए इनकी इतनी रेगुलर इनकम भी नहीं थी, यह मेट्रो या बस में सफर किया करते थे। यह अपना रोजाना का काम करने के लिए कई किलोमीटर पैदल भी चले है छोटे से घर में रहकर तीन समय का खाना खाने के लिए इन्होंने बहुत संघर्ष किया। इन सब के बावजूद कभी give-up करने के बारे में नहीं सोचा। यह कहानी है kai greene की, दोस्तों आज हम इनके संघर्षो के बारे में बात करेंगे जो इन्होने बॉडीबिल्डिंग में बिताई। साथ में हम यह भी जानेगे कि कैसे ये अपनी लाइफ में इतने संघर्षो का सामना किया और बॉडीबिल्डिंग को जारी रखा और इस मुकाम तक के सफर के बारे में हम जानेगे।
एक ऐसे व्यक्ति जो बिना किसी माँ बाप के बड़े हुए हो, जब यह छोटे बच्चे थे तब इनके माँ बाप इन्हे छोड़ कर चले गए। तब यह एक अनाथ आश्रम में पलकर बड़े हुऐ। जब यह एक आश्रम से दूसरे आश्रम जाते तो इन्हे अपनी देखभाल खुद ही रखनी पड़ती। इन्हे अपने माँ बाप की guidance नहीं मिली, यह हमेशा डिस्टर्ब और परेशान रहते थे। आज ये दुनिया के टॉप बॉडीबिल्डर में से एक है। kai greene को इनके स्कूल और आश्रम से इनके गलत व्यवहार के कारण इन्हे वहाँ से निकल दिया गया। इन्हे इनकी बॉडीबिल्डिंग के बारे में इनके स्कूल की एक टीचर ने इन्हे बताया। इनकी बॉडीबिल्डिंग ने इनके गुस्से और अपनी लाइफ के टेंशन को कंट्रोल करने मदद की, बॉडीबिल्डिंग ने इन्हे मानसिक तौर पर बहुत मजबूत किया। इसी के चलते इन्हे यह भी समझ में आ गया की ये जो अपनी लाइफ में अभी कर रहे है वह इनका लक्ष्य है।
13 साल की उम्र में ही इन्होने बॉडीबिल्डिंग में भाग लेना शुरू कर दिया, मगर अभी भी वो एक अनाथ आश्रम में रह रहे थे। इन्होने कई राते जिम में ही गुजार दी थी 2006 में यह ऑस्कर उडेन से मिले जो की एक सलाहकार थे इन्होने काई को बॉडीबिल्डिंग की टेक्निक सिखायी, वर्कआउट और रूटीन में सुधार किया। 2010 में एक ओलम्पिया में इन्हे सातवाँ स्थान प्राप्त किया इससे वह काफी परेशान थे। यह इनकी लाइफ की सबसे बड़ी हार थी। इस हार के बाद इन्होने और ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दिया। एक इंटरव्यू के दौरान इनसे यह पूछा भी गया की आप अभी भी ओलिम्पिया में जीत हासिल कर सकते है। काई ने कहा में अभी भी जितने की सम्भावना रखता हूँ। इन्होने 2010 में अपनी जीत में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
आज काई ग्रीन के पास लगभग 40 करोड़ की प्रॉपर्टी और अर्निग्स है ये एक ट्रेनर भी है और इसके आलावा ये मूवीस के द्वारा भी कमाते है। तो इस स्टोरी आप को पता चल गया होगा की एक व्यक्ति अपनी लाइफ के परेशानियों के साथ भी इतना कुछ अचीव कर सकते है।
Kai Greene story in hindi - Motivational Story |
एक ऐसे व्यक्ति जो बिना किसी माँ बाप के बड़े हुए हो, जब यह छोटे बच्चे थे तब इनके माँ बाप इन्हे छोड़ कर चले गए। तब यह एक अनाथ आश्रम में पलकर बड़े हुऐ। जब यह एक आश्रम से दूसरे आश्रम जाते तो इन्हे अपनी देखभाल खुद ही रखनी पड़ती। इन्हे अपने माँ बाप की guidance नहीं मिली, यह हमेशा डिस्टर्ब और परेशान रहते थे। आज ये दुनिया के टॉप बॉडीबिल्डर में से एक है। kai greene को इनके स्कूल और आश्रम से इनके गलत व्यवहार के कारण इन्हे वहाँ से निकल दिया गया। इन्हे इनकी बॉडीबिल्डिंग के बारे में इनके स्कूल की एक टीचर ने इन्हे बताया। इनकी बॉडीबिल्डिंग ने इनके गुस्से और अपनी लाइफ के टेंशन को कंट्रोल करने मदद की, बॉडीबिल्डिंग ने इन्हे मानसिक तौर पर बहुत मजबूत किया। इसी के चलते इन्हे यह भी समझ में आ गया की ये जो अपनी लाइफ में अभी कर रहे है वह इनका लक्ष्य है।
13 साल की उम्र में ही इन्होने बॉडीबिल्डिंग में भाग लेना शुरू कर दिया, मगर अभी भी वो एक अनाथ आश्रम में रह रहे थे। इन्होने कई राते जिम में ही गुजार दी थी 2006 में यह ऑस्कर उडेन से मिले जो की एक सलाहकार थे इन्होने काई को बॉडीबिल्डिंग की टेक्निक सिखायी, वर्कआउट और रूटीन में सुधार किया। 2010 में एक ओलम्पिया में इन्हे सातवाँ स्थान प्राप्त किया इससे वह काफी परेशान थे। यह इनकी लाइफ की सबसे बड़ी हार थी। इस हार के बाद इन्होने और ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दिया। एक इंटरव्यू के दौरान इनसे यह पूछा भी गया की आप अभी भी ओलिम्पिया में जीत हासिल कर सकते है। काई ने कहा में अभी भी जितने की सम्भावना रखता हूँ। इन्होने 2010 में अपनी जीत में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
आज काई ग्रीन के पास लगभग 40 करोड़ की प्रॉपर्टी और अर्निग्स है ये एक ट्रेनर भी है और इसके आलावा ये मूवीस के द्वारा भी कमाते है। तो इस स्टोरी आप को पता चल गया होगा की एक व्यक्ति अपनी लाइफ के परेशानियों के साथ भी इतना कुछ अचीव कर सकते है।